Maa Saryu Nadi is the one of the most holy river in India. As we know Maa Saryu Nadi flows in Ayodhya which is the birth place of God Ram.
श्री राम जन्मभूमि में बहने वाली माँ सरयू नदी का उदगम स्थल सरयू मूल उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के तहसील कपकोट के सरमूल / सौधारा नामक स्थान पर है। यह स्थान तहसील-कपकोट के ग्राम पंचायत-झुनि अंतगर्त आता है।
हे मंगल करने वाली ! ब्रहाम्दी देवों से सेविते। नारदादि महासंघों से वंदिते ! पुण्यात्मा नरो से अवगाहिते ! हे वशिष्ठ पुत्री सरयू देवी! आपको बार बार प्रणाम है, समस्त जगत के पाप हरने हेतु, आप भी रामभद्र प्राथ्रित, श्री वशिष्ठ जी के द्वारा मानसरोवर से लायी गयी हो।।
हे वशिष्ठ तनये, हे महेश्वर्याशालिनी! हे देवी, दिव्यगुण मालिनी आपको प्रणाम, प्रनामो का पुंज, मेरा बार - बार ह्रदयागर से है, की इस शरणागत को जन्म - मृत्यु बंधन से बचाओ।
Worship is a way of feeling, of touching, of loving. What you have caught on film is captured forever… It remembers little things, long after you have forgotten everything.
Mahant Shri Shashikant Das jee is the direcotr of Anjaney Sewa Sansthan Vikas Samiti. He started maa sarayu nitya aarti without any help. He given his complete life to do maa sarayu pooja on vidhi vidhan.
Anjaney Sewa Sansthan Vikas Samiti's priest are constantly increasing their Vedic power by meditation and meditation. He has devoted his life to Vedic education.
Some of the precious words of the devotee and servant after coming to Ayodhya and joining us, the service and worship rendered by us